अगर हम बात करें DeFi की तो ये Decentralized Finance की शॉर्ट फॉर्म होती है।
DeFi अपनी हर एक वित्तीय लेनदेन में Blockchain Technology और Cryptocurrency का इस्तेमाल करता है।
ये एक ऐसी वित्तीय प्रणाली है जिसमें किसी भी Middlemen का कोई काम नही रहता है। Middlemen का तात्पर्य है हमारे पारंपरिक बैंको से, क्योंकि बैंक में हमें पैसे की कोई लेन देन करनी होती है तो ये किसी की मध्यस्था से होती है।
DeFi के द्वारा हम हमारे पैसे के ऊपर खुद का नियंत्रण पा सकते हैं। ये बिल्कुल निष्पक्षता से काम करता है। इसलिए DeFi की सभी लेनदेन का रिकॉर्ड Blockchain के ऊपर मौजूद रहता है
DeFi का आधार हैं, Cryptocurrency और Blockchain Technology, और ब्लॉक्चेन में Distributed Ledger का उपयोग किया जाता है.
जिससे की नेटवर्क की सुरक्षा और मजबूत बन सके। और इसके अंदर जो ऐप्स बनती है उन्हे DApps के नाम से जाना जाता है, ये DApps ही blockchain के ऊपर होने वाले लेनदेन को Handle करती हैं।
जितनी भी DApps हैं उनमें से अधिकतर Ethereum Blockchain के ऊपर बनी हुई हैं। और यहां पर हमारे बैंकों की तरह कोई अकाउंट खुलवाने की भी जरूरत नहीं होती है।
इसमें उपभोक्ता सबसे ज्यादा P2P का उपयोग करते हैं, जिससे की उन्हें किसी मध्यस्थ की जरूरत न पड़े।
ये भी सरकारों को पता है की आगे आने वाले भविष्य की तकनीक यही Blockchain और Cryptocurrency है।
अधिकतर देशों की सरकारें Cryptocurrency को रेगुलेट नहीं कर रही। उनके लिए ये DeFi ही सबसे बड़ी समस्या है।
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