अगर हम बात करें ICO की फुल फॉर्म की तो इसे Initial CoinOffering के नाम से जानते हैं। और हिंदी में इसे हम आरंभिक सिक्का ऑफरिंग कहते हैं।
ICO ( Initial Coin Offering in Hindi ) Cryptocurrency की दुनिया में एक ऐसा तरीका होता है जिसमें कोई टीम अपने Crypto Projects के लिए धन जुटाना चाहती हो तो वह निवेशकों से धन जुटा सकती है।
ICO के अंदर टीम BlockchainTechnology पर आधारित एक Token बनाती है और जो निवेशक शुरुवात में उनको आर्थिक सहायता करते हैं उन्हें बदले में वो Tokens दे देती है।
जिस वक्त कोई कंपनी ICO से पैसा जुटाने बाजार में आती है तो उसे सबसे पहले अपने CryptoProject का Whitepaper पब्लिक करना होगा।
अगर आप Cryptocurrency में ICO या किसी अन्य प्रकार से निवेश करते हैं तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है की आपको उससे रिटर्न्स मिलेंगे।
सन 2014 में जब Ethereum ने ICO के द्वारा अच्छी खासी फंडिंग जुटाई थी। उसके बाद काफी संस्थाओं ने फंडिंग जुटाने की कोशिश की जो काफी अच्छेप्रोजेक्ट्स विकसित कर रहे हैं।
ICO के अंदर निवेशकों को सावधान रहने की आवश्यकता होती है। क्योंकि Cryptocurrency में निवेश करना बहुत ही जोखिम भरा होता है। इसमें रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती है।
येICO भी बहुत जोखिम वाले होते हैं, क्योंकि इनके द्वारा शुरू किया गया प्रोजेक्ट असफल भी हो सकता है। ऐसा होने पर आपके सारे पैसे डूब सकते हैं।