बात करें Crypto Lending की तो ये हमे ऐसी सुविधा प्रदान करते हैं जिसके द्वारा हम किसी ओर से Crypto Currencies उधार ले सकते हैं तथा Crypto Lending के द्वारा हम किसी को Crypto उधार दे भी सकते हैं।

इस प्रकार किसी व्यक्ति को Crypto उधार देना तथा उसके बदले ब्याज लेना Crypto Lending कहलाता है।

या यूं कहें की अपने Crypto को किसी को loan पर दे देना तथा उससे ब्याज के रूप में Passive Income कमाना ही Crypto Lending कहलाता है।

Crypto Lending की सुविधा आपको दोनों Centralized और Decentralized Exchanges के ऊपर मिलती है। मगर अलग अलग Crypto Exchanges के अलग अलग नियम और कानून हो सकते हैं।

Crypto Loan की प्रक्रिया में 3 पार्टीज होना जरुरी है जिसमे Crypto Lender , Crypto Borrower, तथा Crypto Exchanges आते हैं।

Crypto Exchanges के अंदर DEXs और CEXs दोनों शामिल हो सकते हैं। DEXs के अंदर DeFi की काफी अहम भूमिका होती है।

अगर ज्यादातर मामलों में देखा जाए तो जो व्यक्ति Crypto Loan ले रहा है उसको बदले में Security जमा करनी पड़ती है। ताकि बाद में Borrower से Loan की आपूर्ति की जा सके।

अगर आप Crypto Passive Income कमाना चाहते हैं तो आपको अपनी Crypto currencies को Pool के अंदर लॉक करना होगा जिसमें आपको तय ब्याज मिलता रहेगा।

ये सारी प्रक्रिया Smart Contract के द्वारा संचालित होती है। एक बार Pool में Crypto Lock करने के बाद उन Crypto Coins को Manage करने का काम Pool Manager का है।

Crypto Lending की सेवा उन निवेशकों के लिए काफी फायदेमंद होती है जो अपने फंड्स को लंबी अवधि के लिए Hold रखते हैं। तथा जिस राशि को बार बार Trade न करते हों।

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