अगर हम बात करें Consensus Mechanism की तो ये एक ऐसा एल्गोरिथम होता है जिसके तहत दुनियाभर के लोगों में Blockchain के ऊपर सर्वसहमति बनाई जाती है। अगर हम बात करें Consensus Mechanisms की तो ये काफी प्रकार के होते हैं। इस लेख में कुछ मुख्य Consensus Mechanisms के बारे में चर्चा करेंगे तो अधिक जानकारी के लिए इस लेख को ध्यान से पढ़े क्योंकि इस लेख में आप जानेंगे की Consensus Mechanism क्या है? ( What is Consensus Mechanism in Hindi ), Consensus Mechanism काम कैसे करता है?, Consensus Mechanism के क्या क्या फायदे हैं?, Consensus Mechanism कितने प्रकार के होते हैं?,आदि।
इस लेख के माध्यम से हम आपको ये सभी जानकारियां प्रदान करेंगे। आपको इन सब बातों का पता होना इसलिए आवश्यक है क्योंकि अगर आप Cryptocurrency Market में निवेश करते हैं और अपनी Cryptocurrency Hold रखते हैं तो आपको उससे संबंधित Security के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा आपको ये भी पता होना चाहिए की आप जिस Cryptocurrency में निवेश कर रहे हैं वो किस Consensus Mechanism के ऊपर काम करती है। इसीलिए आप इस लेख को थोड़ा समय निकालकर बड़े ही ध्यान से पढ़े। ताकि आप Blockchain Technology के बारे में एक महत्त्वपूर्ण टॉपिक जान सकें।
Consensus क्या है? What is Consensus in Hindi?
Table of Contents
Consensus का सामान्य अर्थ होता है की किसी भी नेटवर्क के ऊपर जितने भी प्रतिभागी शामिल होते हैं उनमें सर्वसहमति बन जाना। तो चलिए हम आपको एक उदाहरण के तौर पर समझाते हैं। जैसे आपके दोस्तों का एक समूह है और उन्होंने घूमने का प्लान बनाया। ग्रुप के सभी सदस्यों ने फैसला किया की वे शिमला घूमने जायेंगे। और इस फैसले से सभी राजी हैं। तो इसे हम Consensus के नाम से जानते हैं।
इसीलिए Blockchain Technology के अंदर किसी का एकाधिकार तथा आपस में कोई अवरोध उत्पन्न ना हो इसलिए इस नेटवर्क को Consensus Mechanism की आवश्कता पड़ी।
Consensus Mechanism क्या है? What is Consensus Mechanism in Hindi?
यदि हम सरल शब्दों में समझे तो ये एक प्रकार का एल्गोरिथम है जो आपको Blockchain Network से के ऊपर अभी सदस्यों में आपसी सहमति स्थापित करने का काम करता है। क्योंकि हर एक Decentralized नेटवर्क के ऊपर सभी सदस्य किसी फैसले के लिए समान अधिकार रखते हैं। इसलिए अगर किसी Blockchain नेटवर्क के ऊपर किसी नियम में बदलाव करना है तो ऐसी स्थिति में दुनियाभर से जुड़े सभी सदस्यों की सहमति होनी जरूरी है।
तथा Blockchain Technology के अंदर एक भी ट्रांजैक्शन होती है तो उसकी कॉपी हर एक प्रतिभागी के पास भेजी जाती है। जिससे निष्पक्षता बनी रहती हैऐसे में Blockchain नेटवर्क के ऊपर प्रतिभागियों में एकता बनी रहती है।
यदि Consensus Mechanism की बात करें तो ये कई प्रकार के होते हैं। जैसे की Poof of Work and Poof of Stake आदि, ये सबसे अधिक लोकप्रिय Consensus Mechanism हैं। इसके अलावा बचे हुए Consensus Mechanisms की चर्चा हम आगे करेंगे।
Consensus Mechanisms काम कैसे करते हैं? How Do Consensus Mechanisms Work in Hindi?
किसी भी Decentralized नेटवर्क के ऊपर उसे चलाने के लिए Consensus Mechanisms की एक संख्या निर्धारित होती है। क्योंकि हर एक नेटवर्क का अपना अलग एल्गोरिथिम होता है जिसके जरिए वो विश्व भर के सदस्यों के साथ मिलकर अपने नेटवर्क अपडेट के ऊपर सर्वसहमति बनाते हैं।
वैसे अगर देखा जाए तो अगर किसी नेटवर्क के ऊपर कुछ बदलाव या अपडेट करना है तो उसके लिए नेटवर्क में शामिल कुल सदस्यों के 51% लोगों में सहमति होनी चाहिए, तभी जाकर उसके ऊपर कोई बदलाव मुमकिन होगा।
Consensus Mechanisms कितने प्रकार के होते हैं? How Many Types of Consensus Mechanisms in Hindi?
यदि हम Consensus Mechanisms Algorithm के प्रकारों की बात करें तो ये कई प्रकार के होते हैं और इन सबका काम करने का तरीका अलग अलग होता है।
Proof of Work ( PoW )
PoW एक सबसे लोकप्रिय Consensus Mechanism Algorithm है, क्योंकि दुनिया की सबसे प्रसिद्ध एवं पहली Cryptocurrency Bitcoin भी इसी के ऊपर काम करती है। इसमें माइनर्स को Blockchain में नया ब्लॉक बनाने के लिए एक सटीक Hash ढूंढना पड़ता है जिसमें माइनर्स को एक Heavy Mathematical Computations करनी होती है। इसमें जो भी माइनर्स सबसे पहले इस Mathematical Puzzle को solve करता है, उसी को Blockchain नेटवर्क के ऊपर अपना Block Add करने का मौका मिलता है। इस प्रक्रिया में भारी ऊर्जा की खपत होती है।
Proof of Work algorithm का इस्तेमाल करने वाली Blockchain हैं, Bitcoin, Ethereum, Litecoin, Zcash, Dogecoin आदि।
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Proof of Stake ( PoS )
Proof of Stake Consensus के इस्तेमाल से जो PoW में भारी भरकम ऊर्जा की खपत होती थी उससे छुटकारा मिल गया। क्योंकि PoS, Staking Mechanism के ऊपर काम करती है। जिसके अंदर माइनर्स अपने Coins को उस नेटवर्क के अंदर होल्ड करते हैं, क्योंकि ऐसा करने से ही नेटवर्क के ऊपर उनका ब्लॉक शामिल होने की संभावना बढ़ जाती है।
Proof of Stake Algorithm का इस्तेमाल करने वाली Blockchain में Polkadot, Ethereum 2.0, Cardano, आदि शामिल हैं।
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Proof of Importance ( PoI )
Proof of Importance Consensus Mechanism के अंदर एक ब्लॉक का चुनाव करने के लिए Importance Scores का इस्तेमाल किया जाता है। PoS के अंदर जो बड़े पैसे वाले माइनर्स होते हैं वे लाभ उठाते हैं मगर यहां पर ऐसा नहीं है क्योंकि इस Consensus Mechanism के अंदर माइनर्स की ट्रांजैक्शन की गुणवत्ता और प्रतिष्ठा के आधार पर चुनाव होता है।
Proof of Importance Consensus Mechanism का इस्तेमाल New Economy Movement ( NEM ) द्वारा किया जाता है।
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Delegated Proof of Stake ( DPoS )
DPoS Consensus Mechanism के अंदर इन्होंने अपने प्रतिनिधियों को वोटिंग करने का अधिकार दिया है। इस नेटवर्क के अंदर इसके प्रतिनिधि भाग लेते हैं और अपने पसंदीदा और भरोसेमंद प्रतिनिधियों या माइनर्स को वोट डालते हैं। तथा वोटिंग के बाद यहां पर Random तरीके से किसी माइनर्स का चुनाव किया जाता है। और उस चुने हुए माइनर को ही नेटवर्क के ऊपर Block Add करने का मौका मिलता है।
DPoS Algorithm का इस्तेमाल Tron, Lisk, Ark तथा EOS जैसे Blockchain Network करते हैं।
Proof of Capacity ( PoC )
यदि हम बात करें PoC Consensus Mechanism की तो ये एक ब्लॉक की माइनिंग के लिए Disk या Storage Capacity का इस्तेमाल करते हैं। इसी कारण से PoC अपने माइनर्स को ब्लॉक Hashes को इकठ्ठा करने के लिए उत्साहित करता है। ये प्रक्रिया वास्तविक माइनिंग से पहले की जाती है।
फिर उस समय माइनर्स Hashes की जितनी भी Files इकट्ठी की थी उन्हें नेटवर्क के ऊपर अपलोड करते हैं। उसके बाद PoC Consensus Mechanism समय को घटाकर ट्रांजैक्शन के ब्लॉक को मंजूरी दे देता है।
PoC का इस्तेमाल करने वाली Blockchain हैं, Burstcoin, Storj, Chia और SapceMint आदि।
Proof of Activity ( PoA )
यदि हम Proof of Activity Consensus Mechanism की बात करें तो PoW और PoS Consensus Mechanism दोनों का ही मिश्रण है। इस Mechanism में सबसे पहले माइनर्स नेटवर्क के ऊपर एक खाली ब्लॉक शामिल करने के लिए भारी कंप्यूटेशन करते हैं।
उसके बाद उसी Empty Block को चुना जाता है जिसमें सबसे ज्यादा Coins Holding पे लगे हुए हों। उसी के पश्चात् उस माइनर को खाली ब्लॉक में ट्रांजेक्शन जोड़ने का मौका मिलता है। इसके अतिरिक्त ट्रांजैक्शन को वैलिडेटर्स के द्वारा भी वेरिफाई किया जाता है।
Proof of Authority ( PoA )
PoA Consensus का इस्तेमाल Private Blockchain Netwroks द्वारा किया जाता है। और PoA माइनर्स की छवि के ऊपर बहुत निर्भर रहते हैं। इसलिए यहां पर माइनर्स Coins की बजाए अपनी प्रतिष्ठा को दांव पर लगाते हैं।
Proof of Authority Mechanism का इस्तेमाल करने वाली Blockchain में VeChain शामिल है।
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Conclusion
हमने आपको “What is Consensus Mechanism in Hindi?” लेख के माध्यम से बताया की Consensus Mechanism क्या होता है। और ये Blockchain Network की कार्यप्रणाली में कैसे काम करता है। इसके अलावा Consensus Mechanism के अलग अलग प्रकारों के बारे में भी सामान्य जानकारी प्रदान की।
इस लेख से आपको ही सीखने को मिलता है की कौन सा Crypto Project किस Blockchain Mechanism के ऊपर काम करता है? इससे आप ये पता लगा सकते हैं की किस Consensus Mechanism की वर्तमान में या भविष्य में डिमांड होने वाली है। तो ये जानने के बाद आप एक अच्छे Crypto Project का चुनाव कर सकते हैं और अपनी मेहनत की कमाई को इन प्रोजेक्ट्स में निवेश कर सकते हैं। ताकि भविष्य में आपको ये अच्छे खासे रिटर्न्स दें।
इसके अलावा अगर आपके मन में अभी भी Consensus Mechanism से सम्बन्धित कुछ सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट बॉक्स में पूछे। हम आपके सवालों का जवाब देने का प्रयास करेंगे। धन्यवाद।।