What is Web 3.0 in Hindi?
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यदि Web 3.0 की जाए तो आपने पिछले कुछ समय से मार्केट में सुना होगा की आने वाला समय Web 3.0 का है। और अलग अलग जानकारों से सुना होगा की Web 3.0 के आने से बड़े बड़े बदलाव होंगे। यदि आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है तो “What is Web 3.0 in Hindi” लेख को पूरा पढ़े ताकि इस नई इंटरनेट की दुनिया के बारे में अधिक से अधिक जान सकें।
इसके अलावा हम आपको इस लेख में। बताएंगे कि Web 3.0 ke fayde kya hai, Web 5.0 kam kaise karta hai, Web 3.0 kab tak ayega, आदि।
इन सभी के बारे में आपको सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी। इसलिए इस लेख को ध्यानपूर्वक पूरा पढ़े। ताकि आप Web 3.0 के बारे में हर एक छोटी बड़ी जानकारी हासिल कर सकें।
Web 3.0 क्या होता है? What is Web 3.0 in Hindi?
साथियों अगर हम बात करें Web 3.0 की तो ये एक ऐसा इंटरनेट प्लेटफॉर्म होगा जो Decentralized रूप से कार्य करेगा। ये इंटरनेट सेवाएं Blockchain Technology के ऊपर आधारित होंगी। जिसमें डाटा को प्रॉसेस करने के लिए Machine Learning और डिसेंट्रलाइज्ड लेजर तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
Web 3.0 के अंदर उपभोक्ताओं का डाटा Decentralized तरीके से स्टोर किया जाएगा। जिसके फलस्वरूप हमारा डाटा किसी एक कम्पनी के पास नहीं होगा। क्योंकि किसी एक कम्पनी के पास उपभोक्ताओं के डाटा का एक्सेस होने से उस डाटा का दुरुपयोग किया जाता है।
Web 3.0 इंटरनेट सेवाएं स्वचालित होंगी। जिसमे Machine Learning और Artificial intelligence जैसी ऊच तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। वेब 3.0 के सही से लागू होने के बाद दुनिया में जो बड़ी बड़ी कंपनिया अपना एकाधिकार बनाए हुई हैं, उनके लिए काफी मुश्किल आने वाली है।
Web 3.0 को गहराई से समझने के लिए आपको Web 1.0 और Web 2.0 के बारे में जानने की आवश्यकता है। इसलिए अब हम आपको Web 1.0 और 2.0 के बारे में बताएंगे।
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Web 1.0 क्या है? What is Web 1.0 in Hindi?
यदि हम बात करें Web 1.0 की तो ये 1980 के दशक का इंटरनेट था। जिसे पहली पीढ़ी का इंटरनेट कहा जाता है। जिसके अंदर केवल साधारण Static Websites आती थी। इस इंटरनेट से आप केवल Blog Websites को सर्च कर सकते थे। तथा किसी ब्लॉग पर उपलब्ध जानकारी को पढ़ सकते थे।
इसके अलावा उस वक्त कोई और उपाय नहीं था।
मगर समय के हिसाब से देखा जाए तो उस वक्त भी हमारे लिए ये काफी बड़ी उपलब्धि थी। जो समय के साथ साथ आगे बढ़ती गई। Web 1.0 के दौरान आप इंटरनेट के माध्यम से किसी के साथ Connect नहीं हो सकते थे। और ना ही उस समय कोई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म था।
उस वक्त का इंटरनेट केवल सामान्य जानकारी हासिल करने हेतु था।
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Web 2.0 क्या होता है? What is Web 2.0 in Hindi?
Web 1.0 के बाद Web 2.0 का समय आया तथा इसमें Read and Write दोनों सेवाएं उपलब्ध हैं। इस इंटरनेट सेवा का प्रारंभ सन 2000 में हुआ था जो की वर्तमान समय में भी उपयोग की जाती है। फिलहाल दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनी Google भी Web 2.0 के ऊपर चल रही है।
इसे दूसरी पीढ़ी का इंटरनेट कहा जाता है। इसके कारण Social Website का आगमन हुआ जिसके फलस्वरूप लोग आपस में Connect हो सकते हैं। जैसे की Facebook, WhatsApp, Instagram, Google Meet आदि।
इसके जरिए आम लोगों के द्वारा तैयार किया गया डाटा करोड़ों लोगों द्वारा देखा जाता है उपयोग किया जाता है। तथा उस जानकारी से अपने अपने क्षेत्र की जानकारी हासिल कर फायदा उठाया जाता है।
Web 3.0 काम कैसे करता है? How Does Web 3.0 Work in Hindi?
Web 1.0 और Web 2.0 इंटरनेट की Page Loading and Delivery केवल HTML के नियंत्रण मे होती है।
अगर देखा जाए तो Web 3.0 के अंदर भी HTML की अहम भूमिका है। लेकिन ये देखना काफी अहम होगा की ये DATA Sources के साथ कैसे जुड़ पाता है। और पिछली पीढ़ियों की इंटरनेट सेवा से किस प्रकार भिन्न होता है।
यदि Web 2.0 के ऊपर बनी अधिकतर Apps की बात करें तो ये Centralized Database के द्वारा कार्य करती हैं।
मगर Web 3.0 इंटरनेट सेवा में ऐसा नहीं होगा क्योंकि यहां पर जो भी Apps और Websites बनेंगी वो Decentralized Blockchain Technology के ऊपर आधारित होंगी। तथा इस ब्लॉकचैन के अंदर कोई भी Centralized Authority नही होगी।
Web 3.0 के अंदर Cryptocurrencies का उपयोग होगा। क्योंकि इसके अंदर जितनी भी ट्रांजेक्शन होनी हैं उन सबका लेनदेन Cryptocurrency में ही होना है। और ये Cryptocurrencies भी Blockchain Technology के ऊपर बनी होती हैं। जो की एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म है।
वर्तमान में Web 1.0 & Web 2.0 दोनों ही IPv4 Addressing Space के ऊपर बने हुए हैं। और इंटरनेट के बढ़ते विस्तार के कारण Web 3.0 की आवश्यकता पड़ी। तथा Web 3.0 को नए इंटरनेट Addresses की आवश्यकता पड़ेगी। जो कि IPv6 उपलब्ध करवाएगा।
Web 3.0 की महत्वपूर्ण विशेषताएं – Key Features of Web 3.0 in Hindi
- Based on Blockchain Technology: Web 2.0 इंटरनेट Centralized Authorities के अधीन काम करता है। मगर Web 3.0 में ऐसा नही है, ये इंटरनेट Blockchain Technology के ऊपर आधारित होगा जिससे यूजर्स का डाटा डिस्ट्रब्यूटेड लेजर के जरिए दुनिया भर के अलग अलग कंप्यूटर्स में सुरक्षित रहेगा। तथा इसमें डाटा की चोरी नहीं हो पाएगी। जितनी भी DApps बनती हैं वो सभी Blockchain का इस्तेमाल करती है।
- Cryptocurrency Uses: Web 3.0 के अंदर जितनी भी लेनदेन होंगी वो सभी Cryptocurrency के द्वारा ही संभव होंगी। इसलिए Crypto, Fiat Currency को रिप्लेस कर देगा।
- Decentralized: अगर हम Web 1.0 और Web 2.0 की बात करें तो ये दोनो ही Centralized Authorities के अधीन आती हैं। वहीं Web 3.0 एक Decentralized System है जिसके अंदर किसी सरकार या कम्पनी का कोई भी अधिकार नहीं होगा। ये पूर्ण रूप से स्वतंत्र इंटरनेट होगा।
- Autonomus AI System: Web 3.0 के अंदर ऑटोमेशन सबसे अहम पहलू होगा। क्योंकि इस इंटरनेट सेवा में सेवाएं प्रदान करने के लिए कोई व्यक्ति या समूह नहीं होगा बल्कि Smart Contracts के ऊपर आधारित सिस्टम बनाया जाएगा जिसमें Automatically कार्य होता रहेगा। तथा AI के जरिए हमें बेहतर डाटा मिलेगा।
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Conclusion
इस लेख के माध्यम से हमने आपको बताया की What is Web 3.0 in Hindi? तथा इसके अलावा हमने Web 1.0 और Web 2.0 इंटरनेट के बारे में भी बताया।
इसी के साथ हमने आपको Web 3.0 की विशेषताओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की है। यदि फिर भी आपके मन में कुछ सवाल हो तो निसंकोच हमसे पूछे ताकि हम आपकी समस्या का समाधान कर सके। क्योंकि हमारा मुख्य उद्देश्य यही है की हम आपकी Cryptocurrency से जुड़ी हर के समस्या का समाधान कर सकें।
इस लेख में हमारे साथ अंत तक बने रहने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। और Cryptocurrency से संबंधित अधिक जानकारी हासिल करने के लिए हमारी Website पर अन्य लेख पढ़ सकते हैं।